नदियों का संरक्षण एवं संवर्धन आवश्यक-
नदियों के किनारे ही हुआ मानव सभ्यता का विकास- कमिश्नर
नदियां है तो हम हैं
शहडोल 21 मई 2022 कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने कहा है कि नदियां मध्य प्रदेश की जीवन रेखा है। नदियों के कारण ही मध्य प्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है। नदिया जीवन की आधारभूत है, नदियों के कारण ही मानव सभ्यता और संस्कृति का विकास हुआ है। नदियों के संरक्षण एवं संवर्धन करना मानव जीवन का दायित्व एवं कर्तव्य है। नदियां है तो हम हैं, नदियां है तो वृक्ष है, नदियां है तो जीवन है। नदी है तो जीवन का सार है। उन्होंने कहा कि विश्व में जितनी भी सभ्यताएं हैं, उनका विकास नदियों के किनारे ही हुआ है, नदिया जीवन के हर आवश्यकता को पूरा करता है जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारी हर आवश्यकताओं को पूरा करता है। कमिश्नर शहडोल संभाग में उमरिया जिले के कथली नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए काम करने वाली टीम को बधाई दी उन्होंने कहा कि पानीदार लोग ही पानी का संरक्षण कर सकते हैं। कमिश्नर ने कहा कि भारतीय समाज स्वाधीन एवं स्वाभिमानी समाज है, समाज कभी भी सरकार की ओर नहीं देखती हैं। यह पंच परमेश्वर का देश है, युवा एवं बुजुर्ग आजादी से प्राप्त स्वतंत्रता का उपयोग समाज, नदियों एवं प्राकृति के कल्याण के लिए करें, यही हमारी परंपरा संस्कृति और सभ्यता है। कमिश्नर ने कहा कि जल संकट से बचने के लिए नदियों को बचाना बहुत ही आवश्यक है अन्यथा नदियां जिनसे हमारी सभ्यता जन्म लेती है, वो नदियां एवं सभ्यता खत्म हो जाएगी। उक्त विचार कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा ने उमरिया में जल संरक्षण एवं नदी पुनरुद्धार योजना के तहत पांच दिवसीय जल यात्रा में व्यक्त किए।
जल यात्रा को संबोधित करते हुए पुलिस महा निदेशक शहडोल जोन डी.सी. सागर ने कहा कि नदियां मानव जीवन एवं मानव संस्कृति के लिए वरदान है। नदियां निर्मल एवं पवित्र होती है, उसी प्रकार मानव जीवन को भी वह निर्मल एवं पवित्र कर देती है जिनका संरक्षण एवं संवर्धन करना हर नागरिक का कर्तव्य और दायित्व है। नदियां भारत देश एवं मध्य प्रदेश का गौरव है, इन्हें बचाने की जिम्मेदारी हमारी है, क्योंकि हम भारत देश की मिट्टी में नदियों के बीच निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि उमरिया जिलेवासियों के कथली नदी का संरक्षण आने वाली पीढ़ी को सौंपा जाना सुखद है। कोशिश करने वालों की हार नहीं होती हमें अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते रहना चाहिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उमरिया श्रीमती इला तिवारी ने कहा कि नदियां मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकता है। जो शहर नदियों के किनारे बसे होते हैं वहां समृद्धि एवं विकास की धारा अपने आप आ जाती है। उन्होंने कहा कि हमें जल संकट से निपटने के लिए नदियों का संरक्षण एवं संवर्धन करना बहुत ही आवश्यक है और हम सब मिलकर नदियों का संरक्षण एवं संवर्धन करें, जिससे नदियों का पानी मानव जीवन के लिए उपयोगी एवं कार्यगर साबित हो सके। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया कि इसके साथ ही उमरिया जिले में पुष्कर धरोहरों के तरफ 509 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। 103 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। अमृतसर ओवरों के तहत तालाब निर्माण कराए जा रहे हैं जिनमें 3 लेयर का पौधरोपण भी कराया जाएगा। अमृत सरोवर के तहत बन रहे तालाब में आम जनों से जुड़ने की अपील भी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उमरिया ने की।
कार्यक्रम में जल स्त्रोत नदी, तालाब, कुआ, बावड़ी आदि का संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से जिले के स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित जिला प्रशासन द्वारा पांच दिवसीय उमरिया जिले के उमरार नदी की पद यात्रा भी निकाली गई। नदी के किनारे बसे ग्रामों के ग्रामीणों को नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूक किया गया तथा उन ग्रामीणों से नदियों के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति सहभागिता भी निभाने की अपील की गई। इस दौरान जल पूजन के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिसका समापन उमरिया जिले के ग्राम खैरवार में छोटी महानदी एवं उमरार नदी के संगम पर संपन्न हुआ। कार्यक्रम में नदी के तट पर महा आरती की गई जिसमें भारी संख्या में ग्रामीण जनों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक उमरिया श्री प्रमोद सिंहा, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ० एच.पी. शुक्ला सहित उमरिया जिले के विभिन्न विभागों की विभागीय अधिकारी एवं स्वयंसेवी संस्थान के जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
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