बालकों को ब्रह्मत्व प्रदान करता है उपनयन संस्कार
उपनयन संस्कार में धारण कराए जाने वाले जनेऊ के तीन सूत्र ब्रह्मा,विष्णु और शिव के प्रतीक हैं। यह संस्कार बालक को न केवल बल ,ऊर्जा और तेज प्रदान करता है बल्कि यह उन्हें ब्रह्मत्व भी प्रदान करता है। वास्तव में बालकों का सामूहिक उपनयन संस्कार कराना एक दैवीय कार्य है। उक्त उद्गार ब्राह्मण स्वयंवर संस्कार महासभा द्वारा आयोजित 28 वें सामूहिक उपनयन संस्कार समारोह में अतिथियों ने व्यक्त किए।कार्यक्रम की अध्यक्षता बरिष्ठ समाजसेवी पं.सुधीर नायक ने की जबकि मुख्य अतिथि विधायक श्री विनय सक्सेना व विशिष्ट अतिथि राज्य शिक्षा सलाहकार डॉ.श्रद्धा तिवारी रहीं।विगत अनेक वर्षों से ब्राह्मण समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में बांधने का कार्य ब्राह्मण स्वयंवर संस्कार महासभा संस्कारधानी में करती आ रही है । उसी धारा में 17 अप्रैल को कान्यकुब्ज सभा भवन में 51 बालकों को ब्रह्म सूत्र पहना कर वेद मंत्रों के साथ सनातनी पद्धति से संस्कारवान बनाया गया। इस यज्ञ के प्रधान आचार्य पप्पा जी महाराज, डॉ. चद्रशेखर शास्त्री व पं. प्रशांत पाठक थे । कार्यक्रम में रीवा ,शहडोल ,सतना, डिंडोरी ,मंडला, कटनी तथा सीहोर आदि अनेक जिलों से ब्राह्मण परिवार आये और अपने बालकों का जनेऊ संस्कार करा प्रसन्न चित होकर महासभा के इस पुनीत कार्य की सराहना की
समारोह में महासभा के संरक्षक पं. के के शर्मा, दिलीप दुबे अध्यक्ष पी. के.तिवारी,सूत्रधार पं.वीरेंद्र तिवारी,मुन्नालाल दुबे, डॉ.एच. पी. तिवारी, सचिव डॉ आनंद शुक्ला, बृजेन्द्र उरमलिया, राकेश खम्परिया, आशीष मिश्रा, ज्ञान मिश्रा, आशुतोष पांडे, बद्री चौबे, भगवती भारद्वाज, महिला अध्यक्ष प्रमीता शर्मा, सचिव प्रतिभा उरमलिया, आरती दीक्षित, शैली चौबे झा , अनीता मिश्रा, अनामिका तिवारी,दिनेश मिश्र,सुधा पांडे,मधु चौबे व उषा पांडे सहित बड़ी संख्या में विप्रजन उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन पं. मुन्ना लाल दुबे ने तथा आभार प्रदर्शन पं.पप्पा जी महाराज ने किया।
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